Thursday, May 29, 2008

मुसाफीर हूँ यारों

मुसाफीर हूँ यारों
शब भर का है बसेरा
सुबह चले जाना है

रात भर का तमाशा है सारा
अमावास है या पूनम की रात
कीसको क्या मीले, कीसमत का खेला है सारा
शब भर का है बसेरा , सुबह चले जाना है

यह जहाँ है मुसाफीरखाना सारा
रहगुज़र मीलेंगे कई होगी उनसे कुछ बात
पर बंजारों का डेरा है सारा
शब भर का है बसेरा, सुबह चले जाना है

सवाल

जब भी सोचता हूँ यही सवाल उभर आते हैं क्यों?
साँस लेने भर का नाम ही जीना नहीं है क्यों?
एक तेरे गम का नाम ही मरना नही है क्यों?
कहने को तो सब गम हैं लेकीन हर गम की घुटन अलग है क्यों?
हैं तो सब कांटे पर सब की चुभन अलग है क्यों?
जब भी सोचता हूँ यही सवाल उभर आते हैं क्यों?

अश्क कई हैं पर मेरे लीयेकोई दामन नही है क्यों?
आँखें कई हैं पर मेरे लीये कोई नम नही है क्यों?
रिश्ते तो बहुत है पर मेरे लीये कोई अपना नही है क्यों?
रात तो सब एक हैं पर हर रात का आसमांअलग है क्यों?
जब भी सोचता हूँ यही सवाल उभर आते हैं क्यों?

Friday, May 23, 2008

बेनाम रिश्ता

यह मेरा-तुम्हारा जो रिश्ता है
बेनाम सा एक रिश्ता है
इस रिश्ते को कोई नाम न दो

नाम दिया तो सरहदें तय हो जाएँगी
बेहद है यह रिश्ता , इसे बेहद ही रहने दो
इस रिश्ते को कोई नाम न दो

कागज़ के फूल है रिश्ते इस जहाँ के
महकता है ये रिश्ता, इसे महकता ही रहने दो
इस रिश्ते को कोई नाम न दो

रिश्ते जो नामदार हें, उम्मीदों से उनमे हार है
बे-उम्मीद है ये रिश्ता हमारा इसे बे-उम्मीद ही रहने दो
इस रिश्ते को कोई नाम न दो

ज़िंदगी क्या है?

ज़िंदगी क्या है?
जानने के लिए जिंदा रहना बहुत ज़रूरी
यह भी क्या मजबूरी है !

किताबों के हर्फों में ढूँढा, कभी गीता के श्लोकों में ढूंढा
कुरान की आयतों में ढूंढा, तो कभी गुरबानी की अरदास में ढूंढा
ज़िंदगी जीने के सलीके मिले, पाप-पुण्य का हिसाब मिला,
सही ग़लत का जवाब मिला, जिंदगी क्या है? बस इसी का जवाब नही मिला

मिला नहीं कहीं जवाब तो हमने तुम्हारी आंखों में ढूंढा,
ज़िंदगी सा कुछ नज़र तो आया, पर ख़ुद से बहुत दूर नज़र आया
दूर सही पर उम्मीद का दमन नज़र तो आया,
फासले पर ही सही पर मंजिल का निशा तो नज़र आया

मंजिल जो नज़र आती है, रास्ते भी मिल जाते हैं,
अब यही सोच कर कदम हमने बढाए हैं
हाथ बढ़ा कार देखा तो मंजिल को पास ही पाया है
दूर जिसको समझ रहे थे साथ उसीको पाया है

साथ जो तेरा पाया है तब ही हमने जाना है,
ज़िंदगी क्या है इस राज़ को अब पहचाना है
रब की दुआ है ज़िंदगी, आप की अदा है ज़िंदगी
आप मुस्कुरा दे अगर वो एक पल है ज़िंदगी
आप नज़र जो डाल दे वो एक नज़र है ज़िंदगी
आप साथ दे अगर तो ये सफर है ज़िंदगी

ज़िंदगी क्या है?
जानने के लिए जीना बहुत ज़रूरी है
आप साथ जो हैं अगर तो नही ये मजबूरी है.